सात अक्तूबर दिन सोमवार,समय सुबह के दस
बजे, पत्रकारिता के छात्रों से भरा परा कला संकाय
का कमरा नंबर २२. अदिति महाविद्यालय एवं हिंदी विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय के
सहयोग से "इन्टरनेट -युग में मुद्रित माद्यमों की स्थिती और चुनौतियों"
पर चार दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला और संगोष्टी का कार्यक्रम की शुरुवात हुई जिसका
उद्घाटन प्रो.हरी मोहन सर,अध्यक्ष हिंदी
विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय ,टी के अरुण संपादक इकॉनोमिक टाइम्स,डॉ कल्पना भरारा
प्राचार्य अदिति विश्व विद्यालय और प्रो.जगदीश्वर चतुर्वेदी कलकत्ता विश्वविद्यालय
ने दीप जला के किया.संगोष्टी में वरिष्ट
पत्रकार राहुल देव भी मौजूद थे.संगोष्टी की शुरुवात प्रो. जगदीश्वर चतुर्वेदी ने
किया विषय था अखबार तंत्र और विचारधारा,चतुर्वेदी जी ने बहुत ही अच्छी तरह से अपने
विचारों को रखा और बहुत ही कम शब्दों में अपनी बात खत्म की,उनका कहना था आने वाले
समय में प्रिंट का वितरण कम होती नज़र आएगी इंटरनेट के युग में आज कोई पाठक नहीं
बल्कि एक लेखक है जो हर कही लिखता रहता है चाहे हो ब्लॉग हो या सोशल साईट फेसबुक. टेक्नालजी दिन पे दिन बढती जा रही है नए-नए टेक्नालजी आ रही है जिसे लोग पसंद कर रहे है समाज बदल रहा है उनका कहना था पहले गांव की
लड़की अगर किसी अनजान लड़के से दो बातें कर लेती थी तो उसके घर वाले पहाड़ खड़ा कर
देते,उससे सवाल पे सवाल करते थे,पर आज समय कुछ और है आज हर लड़की के पास अपना खुद
का मोबाइल फोन है जिसमे वो कम से कम दस लड़को का फोन नंबर रखती है और बेहिचक बात भी
करती है .वही इकॉनमिक टाइम्स के संपादक टी के शरण जी विषय से थोड़ा अलग हो के “अखबारों पर पूँजीवाद का राज” इस सोच को बदले, इसे विषय
बनाते हुए छात्रों के सामने अपने बातों को रखा.वरिष्ट पत्रकार राहुल देव जी का कहना था की
समाचार पत्र धीरे धीरे भविष्य में खत्म हो जायेगा,जो की हमारे समाज के के लिए खतरे
की बात है.
इसी तरह समय कम होने की वजह से पहले दिन का समापन हुआ.
इसी तरह समय कम होने की वजह से पहले दिन का समापन हुआ.
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