राजनीती पर हमने कई फ्लिम देखे समझे और
जाने भी । फ्लिम में नेता जी के बारे में दिखाए जाने वाले सीन को दर्शक
समझती है और अपना भी लेती है । नेता लोगो के बीच बड़ी-बड़ी भाषण देते है नए
नए वादे और विकास की बात घर-घर जाके या रैली के ज़रिये जनता के सामने अपनी
बात और जनता की समस्या को सुनता है और उन पर ध्यान भी देते है या नहीं देता
ये आप सब भली भाती जानते है,कुछ ऐसा ही किरदार आज कल निभाने लगे है बिहार
राज्य के मुख्यमंत्री नितीश जी । 24 नवम्बर 2005 जब नितीश जी राज्य के
मुख्यमंत्री की गद्धी पर बैठे और राज्य को सँभालने का ज़िम्मा लिए तो बिहार
के लोगो उनको अपना हीरो मिल गया । अब उनका राज्य देश का सर्व श्रेष्ठ
राज्य बन जायेगा,एक ऐसा राज्य जहा बिजली रात दिन रहेगी,सड़क पे गाड़ीया
दौड़ेगी बच्चे अपने ही राज्य में बेहतर और उच्च शिक्षा पाएंगे पर लोगो को
क्या पता था की उनका ही हीरो धीरे धीरे विलन बन जाएगा उन्हें सिर्फ इन सभी
का झलक ही दिखा के छोड़ देगा । ठीक वैसा ही जैसा की भारतीय सिनेमा में
दिखाया जाता है नेता जी वोट मांगे,जनता ने नेता जी कोई लाखो वोटो से जीता
दिया फिर एक दो दिन सब अच्छा रहा और नेता जी फिर राजनीती में घुस गए, फिर
क्या ? भाड़ में जाये जनता।
नितीश सरकार ने बिहार का विकास नहीं किया, बस
बिहार को ऱीमाडल किया,बनी हुई सड़क पर मक्खन लगाया ,5 सालो में शिक्षा के
क्षेत्र स्कूल जाने के लिए साइकिल दिया पर ज्ञान बढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षक
नहीं दे पाए,पढ़े हुए लोगो को रोजगार नहीं दे पाए ।जनता तो न समझ नहीं है वो जानती है की ऐसे नेता फ्लिम में विलन होते है और विलन को हीरो ही मात देता है ।जहा
तक हीरो की बात है तो जनता ही किसी एक को हीरो बना देती है । तैयारी शुरू
हो गई है जनता के नज़र में अब राज्य के लिए कोई और हीरो नज़र आ रहा है ..नितीश जी अभी भी वक़्त है विलन से हीरो बनने का,कुछ ऐसा किजए की बस इस बार भी आप ही राज्य का बेस्ट हीरो का कप ले जाए ना की बेस्ट विलन का।
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