वैसे तो आजकल बड़े शहरों में सभी तरह की सब्जियां और फल बारह महीने
बिकते नज़र आते हैं, लेकिन
सिजनल सब्जियां और फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ये न केवल आपके हेल्थ
के लिए जरूरी हैं बल्कि यह आपको मौसम से जुड़ी बीमारियों से भी बचाते हैं. आजकल
सर्दियों का मौसम है. सर्दियों के इस मौसम में सेहत से जुड़ी कई प्रॉब्लम्स से
मौसमी सब्जियों और फलों का सेवन आपको बचा कर रखता है.
गाजरः
न्यूट्रिशन से भरपूर
सर्दियों के मौसम में बाजार में लाल-लाल
गाजर आपको आसानी से मिल जाएंगे. गाजर को विटामिन B का अच्छा सोर्स माना जाता है. इसके अलावा गाजर में विटामिन A, C, D, K, B1 और B6 जैसे विटामिन्स भी पाए जाते हैं. इसमें नैचरल
शुगर पाया जाता है, जो सर्दी के मौसम में शरीर को ठंड से बचाता है.
ठंड के मौसम में होने वाली बीमारियों, जैसे नाक, कान, गले के इन्फेक्शन और साइनस जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए गाजर
या इससे बनी चीजों जैसे, गाजर
का हलवा, सब्जी, खीर का सेवन
फायदेमंद साबित होता है. हां, अगर
कैलॉरीज से बचना चाहते हैं, तो गाजर के हलवे से परहेज़ करें. 100 ग्राम गाजर
में 0.9 प्रोटीन, 10.6 कैलॉरीज , 80 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.03
मिलीग्राम आयरन होता है.
मटरः
स्टमक कैंसर का राम बाण
ठंड के मौसम में होने वाली मटर सब्जी में डालने से न केवल सब्जी
टेस्टी हो जाती है, बल्कि
हेल्थ के लिए भी उपयोगी हो जाती है. मटर को पुलाव में मिलाएं या मटर पनीर बनाएं, हर तरह से यह स्वाद बढ़ाने का काम करती है. मटर को सादा भी खाया जा
सकता है, जिससे
कब्ज दूर होती है. मटर में एंटी ओक्सिडेंट और एंटी - इनफ्लैमेट्टरी कम्पाउंड होते हैं, जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम
हो जाता है. मटर में फाइबर और प्रोटीन होते हैं, जिससे ब्लड
शुगर कंट्रोल रहता है. हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक, मटर स्टमक कैंसर के खतरे को भी काफी कम कर देती है. 100 ग्राम मटर
से आप केवल 60 कैलॉरीज इनटेक करते हैं. इसीलिए अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो मटर इसके लिए एक अच्छा फूड है.
गरम
रखती है मेथी
ठंड में मेथी के गरमागरम पराठे खाने का अपना ही मजा है. इसे सब्जी
के रूप में खाएं या इसके पराठे बनाकर, मेथी शरीर के लिए हर तरह से
फायदेमंद होती है. इसकी तासीर गरम होती है, इसलिए
सर्दियों में लोग इसे खूब खाते हैं. इसमें आयरन, विटामिन, मिनरल्स और फाइबर्स बेहद क्वॉन्टिटी में होते हैं. यह शरीर में
कोलेस्ट्रॉल के लेवल को घटाने के साथ डायबिटीज के रोगियों के शरीर से शुगर के लेवल
को कम करने में भी मदद करती है. डाइजेशन को ठीक बनाए रखने में यह बेहद काम आती है.
अगर आप रोजाना 200 से 300 ग्राम मेथी इनटेक कर लें, तो आप
कई बीमारियों से बचे रहेंगे. 200 ग्राम मेथी में 7 ग्राम प्रोटीन,6.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 185
मिलीग्राम कैल्शियम और 32.8 मिलीग्राम आयरन होता है.
सरसों
की पत्तियां
कड़ाके की ठंड हो और सरसों का साग हो तो क्या बात. सरसों की
पत्तियां न्यूट्रिशन के साथ-साथ एंटि-ऑक्सिडेंट्स, विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होती हैं. सर्दियों में पालक और बथुए के साथ मिलाकर
बनाया जाने वाला इसका साग शरीर को गरम बनाए रखता है. सरसों का साग खाने से पाचन
सिस्टम ठीक रहता है. इसमें कैल्शियम और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होने की वजह से हड्डियों को मजबूती मिलती है. सरसों के
साग में विटामिन A भी अच्छी मात्रा में होता है,
जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों की सेफ्टी रहती है. पालक और
बथुआ भी सर्दियों में आने वाली ही सब्जियां हैं. ये सब्जियां भी सरसों की सब्जी की
तरह ही फायदेमंद हैं.
मूली
टेस्ट में तीखी और मीठी मूली सदिर्यों में खूब मिलती है. पोटैशियम, फोलिक ऐसिड और एक्रोबिक ऐसिड से भरपूर इस सब्जी को आप कच्चा खाएं
या पराठा बनाकर खाएं, यह
स्वादिष्ट ही लगती है. इसकी सब्जी बनाकर भी इसे खाया जा सकता है. लेकिन कच्ची मूली
सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है. मूली खाने से पेट के कीड़े खत्म
होते हैं और पेट के घाव ठीक होते हैं. सूखी मूली का काढ़ा बनाकर, उसमें जीरा और नमक डालकर पीने से खांसी और दमा जैसे
रोगों से राहत मिलती है. मोटापा कम करने के लिए मूली बहुत फायदेमंद है. इसके रस में
थोड़ा-सा नमक और नींबू का रस मिलाकर नियमित पीने से मोटापा कम होता है.
सर्दियों
का मेवा मूंगफली
मूंगफली प्रोटीन का अच्छा सोर्स है. यह आपको अंदर से गरम बनाए रखता
है. दरअसल, इसमें विटामिन Eकी क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है. अगर आप
रोजाना इसके 5 से 6 दाने खाएं, तो आपकी स्किन ड्राई नहीं होगी. इसमें ओमेगा-3
पाया जाता है, जो ब्रेन को ऐक्टिव रखने में हेल्प करता है. अगर
आप 200 ग्राम मूंगफली रोजाना लेते हैं, तो
इससे आपको 50.5 ग्राम प्रोटीन, 80.6 ग्राम फैट, 55.1
ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 80 ग्राम कैलॉरीज, 18
मिलीग्राम कैल्शियम और 18. 6 मिलीग्राम आयरन मिलेगा.
संतरा
विटामिन C से भरपूर ऑरेंज स्किन को तो फेयर बनाता ही है, साथ ही एनर्जेटिक भी होता है. पोटैशियम,मिनरल्स और फाइबर्स का यह अच्छा सोर्स है. यही नहीं, इसमें कैलॉरीज मात्र 60 ग्राम होती है और प्रोटीन 80 ग्राम. इसको रोज़ अपनी डाइट का
हिस्सा बनाने से आप पेट की समस्याओं से दूर रहेंगे.
ग्रीन
टी
ठंड
में अकसर लोग चाय और कॉफी ज्यादा लेने लगते हैं, पर
अगर चाय में ग्रीन टी पीएं, तो आपके लिए यह काफी फायेदेमंद
रहेगा. यह फ्रेश और लाइट होती है. और इसका कोई नुकसान भी नहीं होता है. ग्रीन टी
कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेबल कम करने में मदद करती है.
ठंड
में कुछ ऐसी हो आपकी डाइट
· पराठे की जगह रोटी खाएं. और
आटे को किसी भी हरी सब्जी (जैसे मेथी, पालक, बथुआ
वगैरह) के साथ ही गूंथें.
· पुलाव की जगह चावल उबालकर खाएं
या स्टीम करके चावल बनाएं.
· तला भुना खाने से बचें. सब्जियों को बेक कर या
उबाल कर, या
हल्का सा रोस्ट करके खाएं.
· जितना हो सके मौसम की सब्जियों का सेवन जरूर
करें.
· गरम दूध का सेवन करें
ड्राई
फ्रूट्स
ड्राई
फ्रूट्स को सीधे खाएं या रोस्ट करके, यह हर
तरह से फायदेमंद
होता हैं. इवनिंग टी के साथ रोजाना ड्राई फ्रूट्स लेने का नियम बनाएं. ठिठुरन भरी
शाम में यह आपको गरम बनाए रखेंगे. लेकिन ड्राई फ्रूट्स को लेने से पहले कुछ बातें
ज़रूर ध्यान में रखें.
सूखी
अंजीर: सूखी
अंजीर भूख को कंट्रोल करती है. इसमें फाइबर और पोटैशियम ज्यादा मात्रा में होता
है. इसे खाने से मोटापा कम करने में मदद मिलती है.
सावधानी: अंजीर गरम होती है, अंजीर को ज्यादा लेना जिगर को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए 5 दाने
से ज्यादा न खाएं.
पिस्ता: पिस्ता हार्ट पेशेंट्स के
लिए बहुत फायदेमंद है. पिस्ता खाने से पेट ज्यादा समय तक भरा रहता है, इसीलिए डाइटिंग कर रहे लोगों को इसे लेना चाहिए.
सावधानी: ज्यादा पिस्ता खाने से आपको
एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है. पिस्ते में नमक होने की वजह से ब्लड प्रेशर के
मरीजो के लिए यह नुकसानदायक है.
किशमिश: किशमिश से कब्ज दूर होती
है. इसे एक बढि़या एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है. किशमिश अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी से राहत
दिलाने में भी उपयोगी साबित हुई है. अल्जाइमर को'भूलने की बीमारी' भी कहते हैं.
सावधानी: किशमिश को भिगोकर ही खाएं
बादाम: बादाम शरीर के बैड कोलेस्ट्राल को कम और अच्छे
कोलेस्ट्राल को बढ़ाता है. बादाम में विटामिन E,विटामिन B और फाइबर मौजूद होते हैं. बादाम में कैल्शियम भी
भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए अच्छा होता है. बादाम को
बिना छीले खाना चाहिए, क्योंकि इसके छिलकों में एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो हार्ट और नसों को सुरक्षित रखने में मदद करता है.
सावधानी: ज्यादा बादाम खाने से कब्ज
हो सकती है, इसलिए दिन में 5 बादाम से ज्यादा
न खाएं.
काजू: काजू को प्रोटीन, मिनरल सॉल्ट, जिंक, आयरन, फाइबर और मैगनीशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है. काजू शरीर को
एनर्जी देने के साथ कई बीमारियों से बचाता है.
सावधानी: ज्यादा काजू खाने से खुश्की
और खांसी हो सकती है. एसिडिटी की दिक्कत भी हो सकती है.
अखरोट: अखरोट इंसुलिन की मात्रा को
बैलेंस रखने में मदद करता है. एग्जीमा और अस्थमा के पेशेंट्स के लिए अखरोट फायदेमंद
होता है.
सावधानी: अखरोट को 10 से 20 ग्राम मात्रा में ही खाएं. अखरोट गरम और खुश्क
तासीर का होता है
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