जिम कॉर्बेट पार्क |
अगर आप वाइल्ड लाइफ के शौकीन हैं और पहाड़ की
सैर का मजा उठाना चाहते हैं, तो लीजिये एक ब्रेक, और हो जाइये तैयार, क्योंकि जिम कॉर्बेट पार्क की सैर का आनंद लेने
का मौसम नजदीक है और इसमें लगेंगे सिर्फ तीन दिन. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
उत्तराखण्ड के कुमाऊं की पहाड़ियों के घने जंगल और रामगंगा नदी के
किनारे मौजूद है. भारत के सबसे पुराने राष्ट्रीय पार्क में गिना जाने वाला जिम
कॉर्बेट नेशनल पार्क देश के सबसे लोकप्रिय टाइगर रिजर्व में से एक है. इस पार्क में आपको जंगली बाघ, हाथी, बारहसिंगा, जंगली हिरन, सफ़ेद मोर के साथ - साथ 50 और स्तनधारी नस्ल के जानवर और पक्षियों की 580
प्रजातियों देखने को मिल सकती हैं.
जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए आपको रामनगर
तक जाना पड़ेगा. पार्क रामनगर से लगभग 14 किमी दूर है. जिम कॉर्बेट पार्क को पांच जोन
में बाटा गया है. झिरना, बिजरानी, ढिकाला, दुर्गादेवी
और सीताबनी. इस के जोन की सीमा लगभग रामनगर से ही शुरू हो जाती है. रामनगर और पार्क के इन जोनो के बीच बड़े- छोटे हर तरह के
होटल और रिसोर्ट मौजूद हैं. आप अपनी सुविधा, पसंद और बजट के हिसाब से यहां ठहर सकते हैं. आप किसी भी जोन में हों, पार्क में जाने के लिए आपको सफारी एडवांस में ही बुक करनी पड़ेगी और
कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व से परमिट लेना पड़ेगा. आपके साथ एक गाइड का होना ज़रूरी है, जो आपको सफारी के साथ ही मिल जाता है. सफारी सिर्फ सुबह और शाम दो बार ही
जंगल में जा सकती है. इसीलिए ध्यान रखें, अपनी होटल
बुकिंग के साथ - साथ सफारी ज़रूर बुक करा लें.
इन गेटों से लें पार्क में एंट्री
झीरना गेट - रामनगर से 16 किमी
दूर ख़ूबसूरती से भरा जंगल का यह हिस्सा, अचानक ही आपकी
गाड़ी के सामने जंगली हिरन के आ जाने के लिये भी मशहूर है. यह जोन साल के 12 महीने
खुला रहता है.
दुर्गा देवी गेट - दुर्गादेवी गेट रामनगर
से लगभग 28 किमी दूर रामगंगा नदी के किनारे पर है. जंगल और जानवरों को देखने के
अलावा आप नदी के पानी में महशीर मछली भी देख सकते हैं. रास्ते में आप धनगिरी
म्यूजियम में भी कुछ देर रुक सकते हैं.
सीताबनी गेट- अगर आप पक्षियों को
देखने के शौकीन हैं, तो आप सीताबनी गेट से पार्क में
जाकर इनका नजारा देख सकते हैं. सीताबनी गेट में
गाड़ी जाने की कोई सीमा नहीं है, पूरे पार्क में यही एक
जगह है जहां आप पैदल घूम सकते हैं. पक्षियों के साथ-साथ यह गेट सीताबनी मंदिर और
नदी के खू्बसूरत नजारे के लिए मशहूर है. यह गेट भी १२
महीने खुला रहता है.
बिजरानी गेट- बिजरानी गेट तमाम
टूरिस्टों का सबसे पसंदीदा क्षेत्र है. बिजरानी गेट रामनगर से लगभग 1 किमी की दूरी
पर है और अपने में समेटे घास के विशाल इलाके, गहरे जंगल, तूफानी नालियों और वन जीवन
के लिए जाना जाता है.
धनगिरी गेट - ढीकला कॉर्बेट नेशनल पार्क का सबसे बड़ा
हिस्सा है और यहाँ आप धनगिरी गेट से अन्दर जा सकते हैं. यहां रात को रुकने के लिए
फारेस्ट डिपार्टमेंट के रेस्ट हाउस हैं, लेकिन उसके लिए आपको
पहले से ही परमिशन भी लेनी होगी और बुकिंग भीकरानी
होगी.
क्या-क्या लुभाता है
यहां का
सबसे बड़ा आकर्षण है टाइगर. वैसे तो आपको पार्क में तेंदुआ, हाथी, हिरन, भालू, बंदर, सियार, नीलगाय, भेड़िये, नेवला,खरगोश, चीतल, लंगूर जैसे और बहुत से जानवर
देखने को मिल सकते हैं. कॉर्बेट में लगभग 600
से ज्यादा पक्षियों की
प्रजातियां हैं. यहां बगुला, डार्टर, जलकौवा, टिटहरी, पैराडाइज,फ्लाईकैचर, मुनिया, वीवर बर्ड्स, फिशिंगईगल, सर्पेन्ट ईगल, जंगली मुर्गा, मैना, मोर, बार्बेट, किंगफिशर, बत्तख, गीज, सेंडपाइपर, नाइटजार, पेराकीट्,उल्लू,कठफोड़वा, चील जैसे पक्षी भी आप देख सकते हैं.
कॉर्बेट पार्क शाल के पेड़ों से घिरा हुआ है.
तरह-तरह के पेड़-पौधे यहां देखे जा सकते हैं. बाहरी क्षेत्र में चिर और अनौरी के
पेड़ देखने को मिलते हैं.
कैसे घूमें
जीप सफारी- पार्क में घूमने के लिए
जीप सफारी सबसे सुविधाजनक साधन है. खुली जीप में बैठकर जंगल में घूमने और जानवरों
को देखने का अपना ही मजा है. जीप सफारी में दिन में दो बार सुबह और शाम लगभग तीन
से साढ़े तीन घंटे के बीच कॉर्बेट की सैर कराई जाती है. जीप सफारी का चार्ज छह
लोगों के या अकेले के लिए तीन से पांच हजार रुपए के बीच है.
हाथी
सफारी- बाघों को देखने के लिए हाथी
की सवारी सबसे बेहतर मानी जाती है. हाथी पर बैठकर टूरिस्ट जंगल में शाल के पेड़ों
के बीच से होकर गुजरते हैं. हाथी सफारी का चार्ज छह लोगों के या एक अकेले के लिए
तीन से चार हजार रुपए के बीच है.
बस
सफारी- ढिकाला जोन में बस सफारी भी चलती है. ये हाथी और जीप सफारी के मुकाबले
थोड़ी सस्ती होती है.
और क्या देखें
गर्जिया देवी
गर्जिया देवी का मंदिर रामनगर से रानीखेत जाने वाली सड़क पर रामनगर से लगभग 15 किमी की दूरी पर है. यह मंदिर कोसी नदी के किनारे एक पहाड़ी के शीर्ष पर बना हुआ है. माता पार्वती को समर्पित इस मंदिर की बहुत मान्यता है और माना जाता है कि सिर्फ खुशकिस्मत लोग ही यहां आ पाते हैं.
कॉर्बेट वाटर फॉल
रामनगर से
कालाढूंगी जाने वाले रास्ते पर लगभग 27 किमी की दूरी पर कॉर्बेट वाटर फॉल है. 60 फीट की ऊंचाई वाला यह फॉल यों तो
बेहद खूबसूरत है, लेकिन टूरिस्टों की लापरवाही से थोड़ा प्रदूषित
ज़रूर हो गया है.
कहां ठहरें
कॉर्बेट में रहने के लिए ढिकाला और सभी
जोनों में खूबसूरत रिसोर्ट और लॉज (सस्ते और महंगे) मौजूद हैं.,लकिन अगर आप जंगल के बिलकुल पास रुकना चाहते हैं तो रामनगर से रानी खेत
जाने वाली रोड पर मौजूद रिसोर्ट आपको ज्यादा पसंद आयेंगे.
कैसे पहुंचे
दिल्ली से कॉर्बेट पार्क
की दूरी 290 किमी है. यहां जाने के लिए आप रोडवेज की बस, टूरिस्ट बस या टैक्सी से भी जा सकते हैं. आप रामनगर तक ट्रेन से भी जा
सकते हैं.
कब जाएं
कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मई
तक होता है. इसी समय
में आप वाइल्ड लाइफ का सही मज़ा ले पायेंगे.
न्यू इंडिया के अक्टूबर अंक में छपा मेरा लेख.. |
It's amazing post about Jim Corbett park. Thanks for sharing
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