किसी ने सोचा भी ना था की १५ अगस्त के दूसरे दिन हे हमे एक और जंग लड़नी पड़ेगी,एक ऐसी आज़ादी की जंग जिसमे बच्चो से लेकर बूढ़े तक इस जंग में टूट पड़ेंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने चल पड़ेगा . 8 जून २०११ जब समाजसेवी अन्ना हजारे राजघाट में इस जंग को दूसरा स्वंतत्रता आंदोलन का नाम दिया और ये भी कहा की अगर सरकार भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म नहीं करती और जन लोगपल बिल को मंज़ूर नहीं करती है तो वो एक बार फिर १६ अगस्त को तीन दिन के अनशन पर जायेंगे और वैसा ही हुआ.
जब अन्ना जी ने जे.पी. पार्क में अनशन करने को सरकार से अपील की तो सरकार ने उनके सामने कुछ ऐसे शर्त रखे जो ना अन्ना जी को और ना ही उनके समर्थक को मंज़ूर था. इस बात से सरकार ने अन्ना को अनशन पे जाने का विरोध किया और १६ अगस्त की सुबह समाजसेवी अन्ना को उनके ही घर दिल्ली के मयूर विहार से उन्हें गिरफ्तार कर लिया.दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से जब येः सवाल पूछा गया की उन्होंने ने समाजसेवी अन्ना जी को क्यूँ ग्रिफ्तार किया तब उन्होंने ने ये बात कह के टल दी.” हमे उप्पर से आर्डर मिली है की अन्ना जी को अनशन करने से रोका जाये और उन्हें हिरासत में ले लिया जाए”.
इससे साफ़ तोर से ये तो पता चल ही गया की सरकार किस हद तक गिर चुकी है,सायेद सरकार ये बात भूल चुकी है की ये वही अन्ना है जिन्होंने २००० में महाराष्ट्र में आर .टी .आई यानि राईट टो इन्फोर्मेशन बिल पास करने को राज्य सरकार के नाक में दम कर दिया था और आज उन्हें ही अपने बात को सरकार के सामने नहीं रखने दिया जा रहा है.अब तो ऐसा लग रहा है की जिसने भी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाई वो शालाखो के पीछे पाया जायेगा .
सरकार ये समझ रही है की वोह एक अन्ना को रोक रही है पर वो ये नहीं जानती की अब तो करोड़ों आन्ना उनके सामने खधे हो रहे है . आवाम जग रहा है लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे है. आखिर कब तक सरकार अपने कानो को बंद रखेगी. आज जहा भी जाओ बस एक ही नारा है “ एक दो तीन चार बंद करो ये भ्रष्टाचार ” ये मैं नहीं देश की जनता देश और बच्चे कह रहे है.इस भ्रष्टाचार के लड़ाई में नै कोई हिंदू है ना को मुस्लिम है तो बस एक सच्चा हिन्दुस्तानी जो यही के रहा है की बस बहुत हो गया अब नै सहना हमे भ्रष्टाचार नहीं रहना इस भ्रष्टाचार की दुनिया में हमे चाहिए एक स्वंतंत्र भारत जिसमे भ्रष्टाचार का नामो निशान तक ना हो .........
.
No comments:
Post a Comment