Tuesday, February 14, 2012

तेरी कमी है ..!!!

    
    दिल की बातें क्यूँ बताते थे तुम्हे ,
    इतना प्यार क्यूँ करते थे तुम्हे ।।

       
        दो पल साथ रहती थी तुम,
एक अलग सी ख़ुशी मिल जाती थी हमे ।।


कैसे समझ जाती थी मेरी ज़ज्बातों को,
कैसे जान जाती थी मेरी दिल की बातो को ।।
      
      रहते थे जब अकेले तन्हा कभी ,
  क्यूँ मन में आता था तेरा ही ख्याल ।।


            तुम्हे भूल ने  के बाद भी
         दिल में तेरी ही छवी है ।।


  कभी सोचता हूँ तेरी ओर बढ़ाने को कदम,
       पर थम जाते है कुछ सोच कर . . . ।।
 









Thursday, February 9, 2012

सोउप सोंग के बाद अब क्रिकेट सोंग : सचिन एन्थेम

"WHY THIS KOLAVERI... KOLAVERI ... KOLAVERI DI..."
भला इस गाने को लोग कैसे भूल सकते है ,देशी स्टाइल का ये गाना धनुष के द्वारा लिखा और गाया  गया है । अब इसी अंदाज़ में सुपर स्टार रजनीकांत के दामाद एक बार फिर अपने इसी देशी अंदाज़ में मास्टर ब्लास्टर सचिन पे एक गाना लिखा है जिसका नाम उन्होंने सचिन एन्थेम दिया गया। इस गाने को अभी तक 50000 हज़ार से भी ज्यादा  लोग YOU TUBE पे देख चुके,आशा किया जा रहा है की ये गाना भी उतना ही लोगो को पसंद आएगा जितना की लोगो को कोलावेरी दी पसंद आई थी ।
तमिल बिट्स पे गाया गया ये  गाना भी बिलकुल कोलावेरी दी की तरह ही शुरुवात  किया गाया है ।
BOOST को अपना सेक्रेट एनेर्गी बताने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन को इस गाने में धनुष ने सचिन को देश का एनेर्गी बताया है पुरे जोश के साथ गाया गया ये गाने में सचिन को जोश और चीयार अप देने की लिए गाया गया है। ये गाना पुरी तरह सचिन पे निर्धारित है ।
अब देखना तो ये की इस गाने का सचिन पर क्या असर होता है ,क्या इस गाने से सचिन का अब तक रुका हुआ १०० अंतरास्ट्रीय शतक पूरा हो पता है ? वो तो वक़्त हे बता सकता है
तब तक आप इस गाने का मज्जा निचे दिए गए लिंक पे जा के ले. ।
http://www.youtube.com/watch?v=mURXPSD2Q10&feature=related

Monday, February 6, 2012

राहुल की राजनीति

उत्तर प्रदेश में चुनाव का घमाशन जाडी है,जहा एक तरफ सभी राजनितिक  पार्टी विकास की बात को छोर के धर्म और जात पात के बात को लेकर लोगो के बीच अपनी बात कर रहे है वही दूसरी तरफ  युवराज राहुल वाराणसी में विकास की बात कर रहे है । प्रधान मंत्री के सपने को छोर अब राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे चाहे  उन्हें इसके लिए भले ही जूते खाने क्यूँ न पड़े। विपक्ष को दोस्सी ठहराते हुए राहुल ने ये तो कह दिया की पिछले २२ सालो में जो भी उत्तर प्रदेश में हुआ है वो सिर्फ एक अपराधिक मकर जाल है जिसको बुनने का काम खुद राजनितिक दल कर रही है। जिसके पीछे समाजवादी पार्टी,बहुजन समाजवादी पार्टी,और बीजेपी शामिल है ना की कांग्रेस,पर राहुल ये भूल गए की इसमें कांग्रेस का भी उतना ही हाथ है जितना की अन्य पार्टीयो का वह ये भूल गए की २००३ के चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया था।
राहुल की ये राजनीती बिहार विधानसभा चुनाव २०१० में भी देखा गया था वह कुछ इसी तरह राहुल गाँधी ने नितीश सरकार पे भी ऊँगली उठाऐ थे वह भी  राहुल का यही कहना था की बिहार के लोगो के साथ धोखा किया जा रहा है विकास के नाम पे केंद्र से मदद मांगी जा रही है पर हो कुछ नहीं रहा। विकास की बात कर रहे कांग्रेस सचीव  क्यूँ भूल जाते  है की जब केंद्र में सात साल रह कर से उनकी पार्टी विकास के नाम पे 2G और कामन वेल्थ गमेस जैसे घोटाला किया  है तो भला कैसे जनता उनका साथ दे सकती है । जो बदलाव वह केंद्र में रह कर नहीं कर सके भला वो बदलाव एक राज्य में रह कर क्या करेंगे। जनता बह्खुबी जानती है की कांग्रेस का बदलाव कैसा होता है जिस तरह कांग्रेस ने पिछले सात सालो में देश का बदलाव किया है उसे सायेद ही कोई भूल सकता है ।बड़ते मेंगाई,घोटाले,भ्रष्टाचार से जनता अब परेशान हो चुकी है ।
जिस तरह राहुल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी  के सदस्य को लोगो के बीच खड़ा कर रहे है ऐसा लग रहा है की भले ही राहुल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने या ना बने पर राज राहुल ही करेंगे ठीक उसी तरह जैसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी कर रही है। अब जहा राहुल की मंत्री बनने की बात आती है तो हमारे मन में प्रधान मंत्री का ख्यल जरुर आता है राहुल बाबा का  ये भी कहना है की उन्हें बड़े राज नेताओ की तरह प्रधान मंत्री बनने का कोई शौक नहीं है अब भाई हो भी क्यूँ जब वह जानते ही है की उनकी पूज्य माता श्री का उस पद पे हक है ही तो भला मैं क्यूँ बनू.।
राहुल के इन सब बातो से ये तो तय हुआ है की इस बार कांग्रेस अपनी खुद की सरकार बनाएगी,ना वो धर्म की बात करेगी ना जात पात पे, बात होगी तो सिर्फ विकास की ,बस राहुल इस बात को जान ले की जनता अब वादों को सुन के नहीं बल्कि कर्म को देख कर ही अपनी  सरकार को चुनेगी भले क्यूँ ना राहुल का समर्थन जनता के साथ हो । देखना तो ये भी है की राहुल ये आत्मविश्वास और आक्रम्ख अंदाज़ क्या रंग लाता है !



  

Sunday, February 5, 2012

ज़रा सोचे ... ???

दुनिया बदल रही है,नए आविष्कार हो रहे है,लोगो के सोच और नजरिया दोनों ही  बदल रहे  है ,अपने सोच को लोगो के सामने लाने के लिए लोग  तरह तरह के सोशल नेट्वोर्किंग साईट की मदद ले रहे है जैसे सबसे पहला फेसबूक,फिर ऑरकुट ,गूगल प्लस और न जाने क्या क्या ...
अपने सोच और विचारो को दुनिया के सामने रखने का  इससे अच्छा जरिया  तो शायेद ही अभी तक आया हो..
ऐसे कई लोगो को हमने देखा है जो बिना मतलब के बातो को अपना स्टेटस बना लेते है और तो और उनमे से कई लोग ऐसे भी होते है जो उस स्टेटस को लाइक करके उससे बढ़ाते है। ये नहीं सोचते की ये एक बेवकूफी
 से ज्यादा और कुछ भी नहीं  है, अगर कोई अपने स्टेटस पे ये लिखता है की "i am suffering from cough and cold" तो कुछ उनमे में से ऐसे होंगे जो उसे लाइक कर देंगे जो एक तरह से उस बात पे सहमति जाताना हुआ न की दुःख जाताना। जहा तक मुझे पता है लाइक का मतलब पसंद आना होता है।अब कोई भाई या दोस्त की तब्यत ख़राब है तो भला हमेयह बात कैसे पसंद आ सकती है ,ये तो थोड़ी दुःख की बात हुई न ..
कई बार तो मैंने ये भी देखा है की अगर कोई व्यक्ति किसी  पोलिट्कल बात या फिर महज़ब की बात को अपने स्टेटस के तौर पे लिखता है तो समझो की जैसे उसके वाल पे  जंग सी छिड़ जाती है वह किसी युद्ध के मैदान से कम नहीं होता अगर लोगो का बस चले तो वह  वहा  खून खराबा कर दे ...और कोई लोग उनमे से ऐसे होंगे जो इस बात को शेयर कर के या तो उसका मजाक उड़येंगे या फिर उस बात को और आगे तक खीच देंगे कोई ये नहीं सोचेगा की इस मुद्दे को बढाना से कही किसी को दुःख न हो ।
लोग ये नहीं सोच पाते की ये सोशल नेट्वोर्किंग साईट हमे एक दुसरे को जोड़ने का काम करती  है ना कि अलग होने का कई बार तो येः भी देखा गया है की  सोशल नेट्वोर्किंग साईट पर छोटे छोटे बातो को लेकर कई बार रियल लाइफ में लोगो आपस में लड़ चुके है और इन सब का फयदा कोई और हे उठाया बताओ भला येः भी कोई बात हुई..
इन  बातो पे ज़रा सोचे...



 

Wednesday, February 1, 2012

यही तो तेरी दोस्ती है


जब जब में अकेला रहना चाहा,
तुमने मुझे अपना साथ देना चाहा,
जब जब मैं रोना चाहा,
तुमने अपनी बातों
से मुझे हँसाना चाहा

वो क्लास बंक करके,
कैंटीन में मेरा साथ देना,
मेरी रूठी गर्ल फ्रेंड को
भाभी कह के चिड़ाना,

वो बीच रात में मेरा कहना,
“मेरे भाई ज़रा मैगी बना ना”,
और फिर गुस्से से तेरा मैग्गी बनाना,
वो मैगी खा के सुर निकलना
फिर तेरा कहना
साले ठीक से खाना

वो सुबह मुझे लात मार के उठाना
और फिर प्यार से मेरी मुह
से रमायण सुन ना,
 
यही तो तेरी दोस्ती है ......

              - अंशु