Monday, February 6, 2012

राहुल की राजनीति

उत्तर प्रदेश में चुनाव का घमाशन जाडी है,जहा एक तरफ सभी राजनितिक  पार्टी विकास की बात को छोर के धर्म और जात पात के बात को लेकर लोगो के बीच अपनी बात कर रहे है वही दूसरी तरफ  युवराज राहुल वाराणसी में विकास की बात कर रहे है । प्रधान मंत्री के सपने को छोर अब राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे चाहे  उन्हें इसके लिए भले ही जूते खाने क्यूँ न पड़े। विपक्ष को दोस्सी ठहराते हुए राहुल ने ये तो कह दिया की पिछले २२ सालो में जो भी उत्तर प्रदेश में हुआ है वो सिर्फ एक अपराधिक मकर जाल है जिसको बुनने का काम खुद राजनितिक दल कर रही है। जिसके पीछे समाजवादी पार्टी,बहुजन समाजवादी पार्टी,और बीजेपी शामिल है ना की कांग्रेस,पर राहुल ये भूल गए की इसमें कांग्रेस का भी उतना ही हाथ है जितना की अन्य पार्टीयो का वह ये भूल गए की २००३ के चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया था।
राहुल की ये राजनीती बिहार विधानसभा चुनाव २०१० में भी देखा गया था वह कुछ इसी तरह राहुल गाँधी ने नितीश सरकार पे भी ऊँगली उठाऐ थे वह भी  राहुल का यही कहना था की बिहार के लोगो के साथ धोखा किया जा रहा है विकास के नाम पे केंद्र से मदद मांगी जा रही है पर हो कुछ नहीं रहा। विकास की बात कर रहे कांग्रेस सचीव  क्यूँ भूल जाते  है की जब केंद्र में सात साल रह कर से उनकी पार्टी विकास के नाम पे 2G और कामन वेल्थ गमेस जैसे घोटाला किया  है तो भला कैसे जनता उनका साथ दे सकती है । जो बदलाव वह केंद्र में रह कर नहीं कर सके भला वो बदलाव एक राज्य में रह कर क्या करेंगे। जनता बह्खुबी जानती है की कांग्रेस का बदलाव कैसा होता है जिस तरह कांग्रेस ने पिछले सात सालो में देश का बदलाव किया है उसे सायेद ही कोई भूल सकता है ।बड़ते मेंगाई,घोटाले,भ्रष्टाचार से जनता अब परेशान हो चुकी है ।
जिस तरह राहुल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी  के सदस्य को लोगो के बीच खड़ा कर रहे है ऐसा लग रहा है की भले ही राहुल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने या ना बने पर राज राहुल ही करेंगे ठीक उसी तरह जैसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी कर रही है। अब जहा राहुल की मंत्री बनने की बात आती है तो हमारे मन में प्रधान मंत्री का ख्यल जरुर आता है राहुल बाबा का  ये भी कहना है की उन्हें बड़े राज नेताओ की तरह प्रधान मंत्री बनने का कोई शौक नहीं है अब भाई हो भी क्यूँ जब वह जानते ही है की उनकी पूज्य माता श्री का उस पद पे हक है ही तो भला मैं क्यूँ बनू.।
राहुल के इन सब बातो से ये तो तय हुआ है की इस बार कांग्रेस अपनी खुद की सरकार बनाएगी,ना वो धर्म की बात करेगी ना जात पात पे, बात होगी तो सिर्फ विकास की ,बस राहुल इस बात को जान ले की जनता अब वादों को सुन के नहीं बल्कि कर्म को देख कर ही अपनी  सरकार को चुनेगी भले क्यूँ ना राहुल का समर्थन जनता के साथ हो । देखना तो ये भी है की राहुल ये आत्मविश्वास और आक्रम्ख अंदाज़ क्या रंग लाता है !



  

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