Thursday, September 1, 2011

गांधीगीरी के बाद अब अन्नागीरी की बारी...


मोहन दास करमचंद गाँधी और किशन बाबू राव हजारे नाम अलग है पर इन दोनों महापुरुष के विचार एक  है,दोनों अहिंषा के पुजारी.एक को हम बापू के नाम से पुकारते है तो दूसरे को अन्ना के नाम से,आज पूरा भारत इन दोनों पुरषों की दीवानी है,इन्होने ने तो एक इतिहास ही रच ही दिया.
इनके उसूलों को हमने एक नया नाम दिया गाँधी के उसूलों को गांधीगीरी और अन्ना के उसूलों को अन्नागीरी.जिस तरह गांधीगीरी पर फ़्लिम लगे रहो मुन्ना भाई बनी थी बस कुछ उसी तरह अब परक्टिकल तरीके से अन्नागीरी की पढाई होगी.
झारखण्ड के जमशेदपुर शहर में स्थित महशूर संस्थान एक्स एल आर आई स्कूल ऑफ बिजनेस एंड ह्उमं रेसेअर्च में जल्द हे अन्नागिरी की पढाई हो सकती है इसका मतलब ये की अब भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना का सफल आंदोलन प्रबधन के छात्रों की पढाई के लिए उपयुक्त विषय बनेगा,और साथ ही साथ अन्ना के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन के पहलुओ पर गंभीरता से विचार संस्थान करेंगी...
फ़्लिम तो सुपरहिट हो गई अब देखना ये की पढाई क्या होती है पास या फ़ैल ?........
गांधीगीरी के बाद अब अन्नागीरी की बारी...
मोहन दास करमचंद गाँधी और कृष्ण बाबू राव हजारे नाम अलग है पर इन दोनों महापुरुष के विचार एक  है,दोनों अहिंषा के पुजारी.एक को हम बापू के नाम से पुकारते है तो दूसरे को अन्ना के नाम से,आज पूरा भारत इन दोनों पुरषों की दीवानी है,इन्होने ने तो एक इतिहास ही रच ही दिया.
इनके उसूलों को हमने एक नया नाम दिया गाँधी के उसूलों को गांधीगीरी और अन्ना के उसूलों को अन्नागीरी.जिस तरह गांधीगीरी पर फ़्लिम लगे रहो मुन्ना भाई बनी थी बस कुछ उसी तरह अब परक्टिकल तरीके से अन्नागीरी की पढाई होगी.
झारखण्ड के जमशेदपुर शहर में स्थित महशूर संस्थान एक्स एल आर आई स्कूल ऑफ बिजनेस एंड ह्उमं रेसेअर्च में जल्द हे अन्नागिरी की पढाई हो सकती है इसका मतलब ये की अब भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना का सफल आंदोलन प्रबधन के छात्रों की पढाई के लिए उपयुक्त विषय बनेगा,और साथ ही साथ अन्ना के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन के पहलुओ पर गंभीरता से विचार संस्थान करेंगी...
फ़्लिम तोह सुपर हिट हो गई अब देखना ये की पढाई क्या होती है फ़ैल या पास........

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