Tuesday, May 5, 2015

जिम कॉर्बेटः चलिये चलें बाघों के राज में

जिम कॉर्बेट पार्क 
अगर आप वाइल्ड लाइफ के शौकीन हैं और पहाड़ की सैर का मजा उठाना चाहते हैंतो लीजिये एक ब्रेकऔर हो जाइये तैयारक्योंकि जिम कॉर्बेट पार्क की सैर का आनंद लेने का मौसम नजदीक है और इसमें लगेंगे सिर्फ तीन दिन. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखण्ड के कुमाऊं की पहाड़ियों के घने जंगल और रामगंगा नदी के किनारे मौजूद है. भारत के सबसे पुराने राष्ट्रीय पार्क में गिना जाने वाला जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क देश के सबसे लोकप्रिय टाइगर रिजर्व में से एक है. इस पार्क में आपको जंगली बाघहाथीबारहसिंगाजंगली हिरनसफ़ेद मोर के साथ - साथ 50 और स्तनधारी नस्ल के जानवर और पक्षियों की 580 प्रजातियों देखने को मिल सकती हैं.

जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए आपको रामनगर तक जाना पड़ेगा. पार्क रामनगर से लगभग 14 किमी दूर है. जिम कॉर्बेट पार्क को पांच जोन में बाटा गया है. झिरनाबिजरानीढिकालादुर्गादेवी और सीताबनी. इस के जोन की सीमा लगभग रामनगर से ही शुरू हो जाती है. रामनगर और पार्क के इन जोनो के बीच बड़े- छोटे हर तरह के होटल और रिसोर्ट मौजूद हैं.  आप अपनी सुविधापसंद और बजट के हिसाब से यहां ठहर सकते हैं. आप किसी भी जोन में होंपार्क में जाने के लिए आपको सफारी एडवांस में ही बुक करनी पड़ेगी और कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व से परमिट लेना पड़ेगा. आपके साथ एक गाइड का होना ज़रूरी हैजो आपको सफारी के साथ ही मिल जाता है. सफारी सिर्फ सुबह और शाम दो बार ही जंगल में जा सकती है. इसीलिए ध्यान रखेंअपनी होटल बुकिंग के साथ - साथ सफारी ज़रूर बुक  करा लें.

इन गेटों से लें पार्क में एंट्री

झीरना गेट -  रामनगर से 16 किमी दूर ख़ूबसूरती से भरा जंगल का यह हिस्साअचानक ही आपकी गाड़ी के सामने जंगली हिरन के आ जाने के लिये भी मशहूर है. यह जोन साल के 12 महीने खुला रहता है. 

दुर्गा देवी गेट -  दुर्गादेवी गेट रामनगर से लगभग 28 किमी दूर रामगंगा नदी के किनारे पर है. जंगल और जानवरों को देखने के अलावा आप नदी के पानी में महशीर मछली भी देख सकते हैं. रास्ते में आप धनगिरी म्यूजियम में भी कुछ देर रुक सकते हैं. 

सीताबनी गेट- अगर आप पक्षियों को देखने के शौकीन हैंतो आप सीताबनी गेट से पार्क में जाकर  इनका नजारा देख सकते हैं. सीताबनी गेट में गाड़ी जाने की कोई सीमा नहीं है, पूरे पार्क में यही एक जगह है जहां आप पैदल घूम सकते हैं. पक्षियों के साथ-साथ यह गेट सीताबनी मंदिर और नदी के खू्बसूरत नजारे के लिए मशहूर है. यह गेट भी १२ महीने खुला रहता है.


बिजरानी गेट-  बिजरानी गेट तमाम टूरिस्टों का सबसे पसंदीदा क्षेत्र है. बिजरानी गेट रामनगर से लगभग 1 किमी की दूरी पर है और अपने में समेटे घास के विशाल इलाकेगहरे जंगलतूफानी नालियों और वन जीवन के लिए जाना जाता है. 

धनगिरी गेट - ढीकला कॉर्बेट नेशनल पार्क का सबसे बड़ा हिस्सा है और यहाँ आप धनगिरी गेट से अन्दर जा सकते हैं. यहां रात को रुकने के लिए फारेस्ट डिपार्टमेंट के रेस्ट हाउस हैंलेकिन उसके लिए आपको पहले से ही परमिशन भी लेनी होगी और बुकिंग भीकरानी होगी.




क्या-क्या लुभाता है   

यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है टाइगर. वैसे तो आपको पार्क में तेंदुआ, हाथी, हिरन, भालू, बंदर, सियार, नीलगाय, भेड़िये, नेवला,खरगोश, चीतल, लंगूर जैसे और बहुत से जानवर देखने को मिल सकते हैं. कॉर्बेट में लगभग 600 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां हैं. यहां बगुला, डार्टर, जलकौवा, टिटहरी, पैराडाइज,फ्लाईकैचर, मुनिया, वीवर बर्ड्स, फिशिंगईगल, सर्पेन्ट ईगल, जंगली मुर्गा, मैना, मोर, बार्बेट, किंगफिशर, बत्तख, गीज, सेंडपाइपर, नाइटजार, पेराकीट्,उल्लू,कठफोड़वा, चील जैसे पक्षी भी आप देख सकते हैं. 
कॉर्बेट पार्क शाल के पेड़ों से घिरा हुआ है. तरह-तरह के पेड़-पौधे यहां देखे जा सकते हैं. बाहरी क्षेत्र में चिर और अनौरी के पेड़ देखने को मिलते हैं.

कैसे घूमें 

जीप सफारी- पार्क में घूमने के लिए जीप सफारी सबसे सुविधाजनक साधन है. खुली जीप में बैठकर जंगल में घूमने और जानवरों को देखने का अपना ही मजा है. जीप सफारी में दिन में दो बार सुबह और शाम लगभग तीन से साढ़े तीन घंटे के बीच कॉर्बेट की सैर कराई जाती है. जीप सफारी का चार्ज छह लोगों के या अकेले के लिए तीन से पांच हजार रुपए के बीच है.
हाथी सफारी- बाघों को देखने के लिए हाथी की सवारी सबसे बेहतर मानी जाती है. हाथी पर बैठकर टूरिस्ट जंगल में शाल के पेड़ों के बीच से होकर गुजरते हैं. हाथी सफारी का चार्ज छह लोगों के या एक अकेले के लिए तीन से चार हजार रुपए के बीच है.
बस सफारी- ढिकाला जोन में बस सफारी भी चलती है. ये हाथी और जीप सफारी के मुकाबले थोड़ी सस्ती होती है.


और क्या देखें 

गर्जिया देवी
 
गर्जिया देवी का मंदिर रामनगर से रानीखेत जाने वाली सड़क पर रामनगर से लगभग 15 किमी की दूरी पर है. यह मंदिर कोसी नदी के किनारे एक पहाड़ी के शीर्ष पर बना हुआ है. माता पार्वती को समर्पित इस मंदिर की बहुत मान्यता है और माना जाता है कि सिर्फ खुशकिस्मत लोग ही यहां आ पाते हैं. 

कॉर्बेट वाटर फॉल 
 रामनगर से कालाढूंगी जाने वाले रास्ते पर लगभग 27 किमी की दूरी पर कॉर्बेट वाटर फॉल  है.  60 फीट की ऊंचाई वाला यह फॉल यों तो बेहद खूबसूरत है, लेकिन टूरिस्टों की लापरवाही से थोड़ा प्रदूषित ज़रूर हो गया है.

कहां ठहरें
कॉर्बेट में रहने के लिए ढिकाला और सभी जोनों में खूबसूरत रिसोर्ट और लॉज (सस्ते और महंगे) मौजूद हैं.,लकिन अगर आप जंगल के बिलकुल पास रुकना चाहते हैं तो रामनगर से रानी खेत जाने वाली रोड पर मौजूद रिसोर्ट आपको ज्यादा पसंद आयेंगे. 
कैसे पहुंचे
दिल्ली से कॉर्बेट पार्क की दूरी 290 किमी है. यहां जाने के लिए आप रोडवेज की बसटूरिस्ट बस या टैक्सी से भी जा सकते हैं. आप रामनगर तक ट्रेन से भी जा सकते हैं. 
कब जाएं
कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मई तक होता है. इसी समय में आप वाइल्ड लाइफ का सही मज़ा ले पायेंगे.

न्यू इंडिया के अक्टूबर  अंक में  छपा मेरा लेख..



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